Shree Vidya Advanced Level – 1, 2 & 3
श्रीविद्या की साधना अत्यंत ही गोपनीय व गुप्त है | यह साधना मनुष्य को लौकिक फल को प्रदान करती ही है साथ ही आत्म ज्ञान को भी उपलब्ध कराती है । यह साधक के अज्ञान को दूर करके ब्रह्मतत्व को प्रकाशित करती है इसलिए इसे ब्रह्मविद्या भी कहते हैं ।
श्री विद्या साधना बीज मन्त्रात्मक साधना है, जैसे एक बीज के भीतर वृक्ष, फल व अनेक बीजों को उत्पन्न करने की शक्ति होती है, उसी प्रकार इस बीज मन्त्रात्मक साधना के द्वारा अनन्त शक्ति उत्पन्न की जा सकती है, जिसका उपयोग करके साधक अपने उद्देश्य के अनुसार, भौतिक सुखों को Materialize कर सकता है या अध्यात्म के शिखर तक पहुँच कर आत्म ज्ञान (मोक्ष) को उपलब्ध हो सकता है |
कोई भी वाक्य, शब्द, अक्षर अथवा बीज मंत्र, प्राण शक्ति के सहयोग के बिना उच्चारित नहीं किया जा सकता, हर एक स्वर या व्यंजन को बोलते समय हमारे स्थूल शरीर के साथ-साथ हमारे प्राण शरीर में भी एक घर्षण होता है, वो घर्षण एक प्रकार का नाद व स्पन्दन को उत्पन्न करता है, जिसके द्वारा एक नयी व दिव्य ऊर्जा के स्वरूप को प्राप्त किया जाता है |
इस साधना में प्रयोग होने होने वाले बीज मंत्रो को इस क्रम में रखा गया है जिससे कि प्राणों में नियमित व क्रमानुगत तरीके से स्पंदन हो, चेतना-शक्ति मूलाधार से सहस्रार तक पहुँचकर अपने मूल अस्तित्व से एक हो जाएं |
यह एक ऐसी साधना है जिसकी दीक्षा प्राप्त कर साधक निरंतर अभ्यास के द्वारा बहुत ही कम समय में अपने लक्ष्य धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष को प्राप्त कर सकता है |