विकृत चिदाकाश में इच्छा, एहसास और संकल्पों के योग से बहुत से अत्यंत सूक्ष्म और विस्तृत लोक-परलोक निर्मित कर लिए गए है, जो वास्तव में है तो आभासी परन्तु पूरी तरह सत्य की अनुभूति कराने वाले लगते है, जिसमें वो साधक या भक्त अनंत काल के लिए बार-बार फसते है… जिनकी चेतना थोड़ी जागृत है.. और जिनको वास्तविकता का बोध नहीं हुआ है.. जबकि साधारण जीव का तो इससे भी बुरा हाल है |
If the mind falls asleep, awaken it. Then it starts wandering, make it quiet. If you reach the state where there is neither sleep nor movement of mind, stay still in that, the natural (real) state.
जब तुम आत्म ज्ञान के प्राप्ति हेतु पूरी दृढ़ता के साथ खुद की गहराई में उतरने लगते हो, तो संसार की Negative और Positive दोनों ही शक्तियां तुम्हें पथ-भ्रष्ट करके, तुम्हारें ज्ञान का दीपक बुझाने का हर संभव प्रयास करती हैं.. क्युकी उन्हें डर है, अगर तुम पूर्ण रूप से जाग गए, तो फिर न जाने कितनो को जगाने के लिए चल पड़ोगे l
Meditation is to be aware of every thought and of every feeling, never say it is right or wrong, but just to watch it and move with it. In that watching, you begin to understand the whole movement of thought and feeling. And out of this awareness comes silence.